परिचय
आज के युग में, पर्यावरणीय संकट, जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन की समस्याओं ने संगठनों को ऊर्जा दक्षता और हरित प्रबंधन की दिशा में गंभीर कदम उठाने को प्रेरित किया है। भारतीय रेलवे, जो विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणालियों में से एक है, ने "हरित रेलवे" बनने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण पहलें की हैं। इस पोस्ट में हम ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण हेतु भारतीय रेलवे की नीतियों, उपायों और लक्ष्यों की चर्चा करेंगे।
🚉 रेलवे में ऊर्जा दक्षता के उपाय
1. रेल विद्युतीकरण (Rail Electrification):
2. ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग:
रेलवे स्टेशनों, कोचों और कार्यशालाओं में LED लाइट्स, ऊर्जा कुशल पंखे, सेंसर आधारित स्विच आदि लगाए जा रहे हैं।
3. ऊर्जा लेखा परीक्षण (Energy Audits):
स्टेशनों, उत्पादन इकाइयों और कार्यालयों में नियमित ऊर्जा लेखा परीक्षण के माध्यम से अनावश्यक ऊर्जा खपत को चिन्हित कर उसे नियंत्रित किया जा रहा है।
🌿 हरित प्रबंधन की पहलें
1. सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plants):
2. पवन ऊर्जा संयंत्र (Wind Power Projects):
तमिलनाडु, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रेलवे ने पवन चक्कियाँ स्थापित की हैं।
3. हरित प्रमाणन (Green Certifications):
रेलवे के कई स्टेशन और भवनों को "Green Station Certification" प्रदान किया गया है जैसे - मुंबई सेंट्रल, नई दिल्ली स्टेशन।
4. जल संरक्षण एवं रीसायक्लिंग प्लांट:
रेलवे स्टेशनों पर वॉटर रीसायक्लिंग यूनिट, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, तथा Bio-toilets का प्रयोग किया जा रहा है।
🌏 अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management)
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कचरे के पृथक्करण के लिए स्टेशन पर डस्टबिनों को रंग कोडेड किया गया है।
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जैविक अपशिष्ट का कम्पोस्टिंग द्वारा निपटारा।
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प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध और यात्रियों को जागरूक करना।
✅ निष्कर्ष
ऊर्जा दक्षता और हरित प्रबंधन केवल एक पर्यावरणीय कदम नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक निवेश है। भारतीय रेलवे की हरित पहलें न केवल पर्यावरण सुरक्षा में सहायक हैं, बल्कि भविष्य की टिकाऊ प्रौद्योगिकी की दिशा में एक मिसाल भी हैं।
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