Search This Blog

Thursday, 31 July 2025

26. ऊर्जा दक्षता एवं हरित प्रबंधन (Energy Efficiency & Green Management in Indian Railways)

26. ऊर्जा दक्षता और हरित प्रबंधन

Energy Efficiency and Green Management

पिछले कुछ दशकों में पर्यावरणीय क्षरण, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते कार्बन उत्सर्जन को लेकर चिंताएँ तेज़ी से बढ़ी हैं, जिससे जिम्मेदार पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। विश्वभर के संगठन यह मान्यता दे रहे हैं कि इन चुनौतियों में उनका योगदान है और उन्हें कम करने की ज़िम्मेदारी भी उनकी है। इन्हीं में से, भारतीय रेलवे—जो विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है—ने पर्यावरणीय रूप से सतत् (sustainable) प्रथाओं को अपनाने की अपनी स्पष्ट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। यह अध्याय ऊर्जा दक्षता और हरित प्रबंधन के क्षेत्र में भारतीय रेलवे के बहुआयामी प्रयासों का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर विशेष बल दिया गया है।

भारतीय रेलवे में ऊर्जा दक्षता उपाय

ऊर्जा दक्षता का तात्पर्य है ऊर्जा संसाधनों का रणनीतिक उपयोग, ताकि समान उत्पादन प्राप्त हो और अपव्यय न्यूनतम रहे। भारतीय रेलवे ने इस दिशा में कई पहल की हैं:

1. रेलवे विद्युतीकरण

  • जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने के लिए डीज़ल इंजनों की जगह विद्युत इंजनों का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है।
  • विद्युतीकरण न केवल ईंधन की खपत घटाता है बल्कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को भी कम करता है।
  • भारतीय रेलवे ने वर्ष 2030 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जक बनने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में मार्गों का व्यापक विद्युतीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग और ऊर्जा-बचत तकनीकों का कार्यान्वयन शामिल है।

2. ऊर्जा-दक्ष उपकरणों की तैनाती

  • स्टेशनों, कार्यालयों, कार्यशालाओं और ट्रेन कोचों में ऊर्जा-दक्ष उपकरणों को अपनाया जा रहा है।
  • इनमें शामिल हैं:
    • एलईडी प्रकाश व्यवस्था, जो पारंपरिक बल्बों की तुलना में बहुत कम बिजली खपत करती है।
    • उच्च दक्षता वाले पंखे, जो ऊर्जा उपयोग घटाते हैं।
    • मोशन सेंसर आधारित लाइटिंग सिस्टम, जो बिना गतिविधि के स्वचालित रूप से बंद हो जाते हैं और ऊर्जा अपव्यय रोकते हैं।
    • इमारतों और रेलवे संचालन में ऊर्जा उपयोग के अनुकूलन हेतु आधुनिक नियंत्रण और निगरानी प्रणालियाँ।

3. ऊर्जा ऑडिट का संचालन

  • रेलवे स्टेशनों, उत्पादन इकाइयों और प्रशासनिक कार्यालयों में समय-समय पर ऊर्जा ऑडिट किए जाते हैं।
  • इनका उद्देश्य है:
    • अतिरिक्त या अनावश्यक ऊर्जा उपयोग के क्षेत्रों की पहचान करना।
    • ऊर्जा उपयोगिता सुधारने हेतु सुधारात्मक सुझाव देना।
    • भविष्य की दक्षता सुधारों के लिए मानक स्थापित करना।

भारतीय रेलवे में हरित प्रबंधन पहल

हरित प्रबंधन का अर्थ है पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाना, जो पारिस्थितिकीय स्थिरता को बढ़ावा दें और साथ ही परिचालन प्रभावशीलता बनाए रखें। भारतीय रेलवे ने इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की हैं:

1. सौर ऊर्जा का उपयोग

  • स्टेशन भवनों, ट्रेन कोचों, प्रशासनिक भवनों और अप्रयुक्त रेलवे भूमि पर छत पर सौर पैनल लगाए जा रहे हैं।
  • दीर्घकालिक लक्ष्य 2025 तक 5000 मेगावाट (MW) सौर ऊर्जा उत्पन्न करना है।
  • यह बदलाव ऊर्जा स्वतंत्रता और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देता है।

2. पवन ऊर्जा परियोजनाएँ

  • तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में पूरक नवीकरणीय स्रोत के रूप में पवन ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है।
  • रणनीतिक स्थानों पर लगाए गए पवन टर्बाइन ग्रिड को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करते हैं।

3. अवसंरचना के लिए हरित प्रमाणन

  • कई रेलवे स्टेशन और भवन सतत् निर्माण और परिचालन मानकों का पालन करने के कारण मान्यता प्राप्त एजेंसियों से ग्रीन सर्टिफिकेशन प्राप्त कर चुके हैं।
  • उल्लेखनीय उदाहरण हैं: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और मुंबई सेंट्रल, जहाँ पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन, कचरा प्रबंधन, जल दक्षता और ऊर्जा-बचत उपाय लागू किए गए हैं।

4. जल संरक्षण और पुनर्चक्रण

  • रेलवे परिचालन में जल की अधिक खपत को देखते हुए भारतीय रेलवे ने जल संरक्षण पर विशेष बल दिया है:
    • प्रमुख स्टेशनों पर जल पुनर्चक्रण संयंत्र स्थापित करना।
    • वर्षा जल संचयन प्रणालियों का कार्यान्वयन, जिससे वर्षा जल एकत्र और संग्रहित कर पुनः प्रयोग किया जा सके।
    • ट्रेनों और स्टेशनों में बायो-टॉयलेट्स की तैनाती, जिससे जल उपयोग घटे और स्वच्छता में सुधार हो।

5. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन

  • पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने और स्वच्छता बनाए रखने हेतु एक प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली अपनाई गई है:
    • रंग-कोडित डिब्बों का उपयोग, जिससे अपशिष्ट को जैविक, अजैविक और पुनर्चक्रण योग्य श्रेणियों में अलग किया जा सके।
    • जैविक कचरे के निपटान हेतु खाद बनाने की पद्धति अपनाना।
    • रेलवे परिसरों में एकल-उपयोग प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध।
    • यात्रियों को अपशिष्ट कमी और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम और अभियान।

निष्कर्ष (Conclusion)

ऊर्जा दक्षता और हरित प्रबंधन प्रथाओं का अनुसरण केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए ही आवश्यक नहीं है, बल्कि यह आर्थिक व्यवहार्यता, संसाधन अनुकूलन और एक सार्वजनिक सेवा संगठन के सामाजिक दायित्वों की पूर्ति के लिए भी अनिवार्य है। भारतीय रेलवे ने अपने परिचालन को स्थिरता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के सिद्धांतों के अनुरूप बनाने की स्पष्ट प्रतिबद्धता दिखाई है। ये प्रयास न केवल परिचालन लागत और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हैं, बल्कि भारतीय रेलवे को एक अग्रणी उदाहरण के रूप में स्थापित करते हैं कि किस प्रकार बड़े सार्वजनिक अवसंरचना तंत्र हरित भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं। स्वच्छ ऊर्जा, दक्ष तकनीकों और सतत् प्रथाओं को अपनाकर, भारतीय रेलवे एक मजबूत और पर्यावरण-सचेत परिवहन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करता है, जिसे अन्य संगठन भी अपना सकते हैं।


No comments:

Post a Comment

.

  Disclaimer:The Information/News/Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.