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23. रेलवे कर्मचारियों की प्रबंधन में भागीदारी (PREM): उद्देश्य, प्रक्रिया, संरचना और लाभ

परिचय: PREM क्या है?

PREM (Participation of Railway Employees in Management) भारतीय रेलवे में प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच संवाद, पारदर्शिता और सहयोग बढ़ाने की एक विशिष्ट पहल है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को केवल आदेशों का पालन करने वाला नहीं, बल्कि संगठनात्मक निर्णयों का एक सक्रिय हिस्सा बनाना है।

इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से रेलवे कर्मचारियों को विभागीय नीतियों, सुरक्षा, कार्य वातावरण, संचालन प्रक्रिया, मानव संसाधन विकास आदि विषयों पर अपनी राय देने और सुझाव रखने का अधिकार प्राप्त होता है।

🎯 PREM के उद्देश्य (Objectives of PREM):

  • प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच परस्पर संवाद एवं विश्वास को बढ़ाना।

  • संगठन की नीतियों और योजनाओं को अधिक व्यावहारिक बनाना।

  • कर्मचारियों को नीतिगत और प्रशासनिक मामलों में सहभागिता देना।

  • विवाद और संघर्ष की संभावना को कम करना।

  • कार्यस्थल पर मनोबल और संतुष्टि को बढ़ाना।


🧩 PREM की संरचना (Structure of PREM):

PREM की संरचना को तीन स्तरों पर विभाजित किया गया है:

1️⃣ डिवीजनल स्तर (Divisional Level PREM):

  • रेलवे के हर डिवीजन में PREM समितियाँ होती हैं।

  • इसमें डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) की अध्यक्षता में बैठक होती है।

  • संबंधित विभागों के अधिकारी और मान्यता प्राप्त यूनियनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।

2️⃣ ज़ोनल स्तर (Zonal Level PREM):

  • हर ज़ोन में महाप्रबंधक (GM) की अध्यक्षता में PREM बैठक होती है।

  • बैठक में प्रमुख विभागाध्यक्ष और यूनियन प्रतिनिधि शामिल होते हैं।

  • ज़ोन के स्तर पर प्रमुख मुद्दों, सुरक्षा, संसाधन और नीति क्रियान्वयन पर चर्चा होती है।

3️⃣ रेलवे बोर्ड स्तर (Railway Board Level PREM):

  • यह उच्चतम स्तर की PREM समिति होती है।

  • इसमें रेलवे बोर्ड के सदस्य, सचिव, और राष्ट्रीय स्तर की यूनियन प्रतिनिधि शामिल होते हैं।

  • देशभर की रेलवे यूनिट्स से प्राप्त फीडबैक और प्रमुख सुझावों पर नीति निर्माण होता है।

सभी स्तरों पर PREM की बैठकें आम तौर पर त्रैमासिक (quarterly) या अर्धवार्षिक (half-yearly) रूप से होती हैं।


🔄 PREM की प्रक्रिया (Process):

  1. कर्मचारी प्रतिनिधियों का चयन यूनियनों के माध्यम से होता है।

  2. बैठक के एजेंडा को पहले से तय कर भेजा जाता है।

  3. बैठक में कर्मचारियों के मुद्दों और सुझावों पर विचार होता है।

  4. प्रबंधन द्वारा समाधान पर चर्चा की जाती है और उसे क्रियान्वयन में लाया जाता है।

  5. आगामी बैठक में कार्यान्वयन की समीक्षा की जाती है।


✔️ PREM के लाभ (Benefits of PREM):

  • कर्मचारी–प्रबंधन संबंध मजबूत होते हैं।

  • कर्मचारियों को अपनी बात रखने का मंच मिलता है।

  • नीतियाँ अधिक व्यावहारिक बनती हैं क्योंकि वह ज़मीनी इनपुट पर आधारित होती हैं।

  • फीडबैक सिस्टम सशक्त होता है।

  • मनोबल और उत्तरदायित्व की भावना बढ़ती है।


🧭 निष्कर्ष (Conclusion):

PREM भारतीय रेलवे के संगठनात्मक विकास और श्रम-संबंधों में एक क्रांतिकारी प्रयास है। यह केवल प्रशासनिक प्रणाली नहीं, बल्कि एक समावेशी सोच है जो मानती है कि कर्मचारी ही संगठन की रीढ़ हैं। PREM के माध्यम से हर कर्मचारी यह महसूस करता है कि उसकी बात सुनी जाती है और उसका योगदान मूल्यवान है।

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