प्रमुख रेलवे प्रबंधन सिद्धांत
यह
परिशिष्ट उन आवश्यक अवधारणाओं का समग्र विवरण प्रस्तुत करता है,
जो रेलवे प्रबंधन की रूपरेखा और
कार्यप्रणाली को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यद्यपि ये सिद्धांत
सामान्य प्रबंधन सिद्धांत हैं, किंतु भारतीय रेलवे के विशाल परिचालन ढांचे में इनका विशेष
रूप से अनुप्रयोग एवं व्याख्या की जाती है।
1. प्राधिकार का प्रत्यायोजन
(Delegation of Authority)
रेलवे प्रबंधन में प्रत्यायोजन का अर्थ है वरिष्ठ
अधिकारियों से अधीनस्थ कर्मचारियों को दायित्व एवं अधिकार सौंपना। इससे निर्णय
प्रक्रिया विकेन्द्रीकृत होती है, जवाबदेही बनी रहती है, और क्षेत्रीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई संभव होती है।
2. नियंत्रण की सीमा (Span
of Control)
यह दर्शाता है कि किसी अधिकारी या प्रबंधक को सीधे कितने
अधीनस्थ कर्मचारी रिपोर्ट करते हैं। भारतीय रेलवे में इसका संतुलन आवश्यक है ताकि
अधिकारी पर अधिक भार न पड़े और पर्यवेक्षण कुशलतापूर्वक हो सके।
3. आदेश की एकता (Unity
of Command)
हर कर्मचारी को केवल एक ही वरिष्ठ अधिकारी से आदेश प्राप्त होना चाहिए। इससे भ्रम की स्थिति नहीं रहती। भारतीय रेलवे में यह सिद्धांत विभागीय पदानुक्रम के माध्यम से लागू किया जाता है।
4. लाइन और स्टाफ संगठन (Line
and Staff Organization)
भारतीय रेलवे संचालन एवं रखरखाव जैसी लाइन गतिविधियों और
योजना, वित्त,
मानव संसाधन जैसी स्टाफ
गतिविधियों के मिश्रण से चलता है। इससे विशेषज्ञता और प्रभावी निष्पादन संभव होता
है।
5. केन्द्रीकरण बनाम
विकेन्द्रीकरण (Centralization vs. Decentralization)
नीति स्तर के निर्णय रेलवे बोर्ड या ज़ोनल मुख्यालय पर
केंद्रित रहते हैं, जबकि
चालक दल की तैनाती, स्थानीय
ख़रीद एवं रखरखाव जैसे कार्य मंडल या डिपो स्तर पर विकेन्द्रीकृत होते हैं।
6. आदेश श्रृंखला (Chain
of Command)
रेल मंत्रालय → रेलवे बोर्ड → ज़ोनल मुख्यालय → मंडल → डिपो/स्टेशन तक आदेश, संचार एवं उत्तरदायित्व की औपचारिक रेखा होती है।
7. समन्वय (Coordination)
रेलवे संचालन में विभिन्न विभागों (संचालन,
यांत्रिक,
विद्युत,
वाणिज्य) का आपसी समन्वय आवश्यक
है।
8. नेतृत्व (Leadership)
प्रत्येक स्तर पर (रेलवे बोर्ड से लेकर स्टेशन मास्टर तक)
नेतृत्व आवश्यक है ताकि टीम भावना, प्रेरणा एवं त्वरित निर्णय लिए जा सकें।
9. निर्णय लेना (Decision-Making)
रेलवे प्रबंधन में समय पर एवं डेटा आधारित निर्णय लेना
ज़रूरी है। MIS, TMS, WMS जैसी प्रणालियाँ वास्तविक समय में निर्णय लेने में मदद करती
हैं।
10. प्रदर्शन की निगरानी (Performance
Monitoring)
रेलवे समयपालन, लोडिंग, चालक दल उपयोग और संपत्ति उत्पादकता जैसे प्रमुख प्रदर्शन
संकेतकों (KPIs) से
मूल्यांकन करता है।
11. अनुशासन एवं नैतिकता (Discipline
and Ethics)
रेलवे संचालन की रीढ़ अनुशासन है। रेलवे सेवाएँ आचरण नियम
और सतर्कता तंत्र नैतिक आचरण और जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं।
12. संचार (Communication)
स्पष्ट, समयबद्ध और पदानुक्रम आधारित संचार से सुरक्षा एवं दक्षता
बनी रहती है। भारतीय रेलवे में रेडियो संदेश, नियंत्रण चार्ट और डिजिटल डैशबोर्ड तक एकीकृत संचार प्रणाली
विकसित की गई है।
13. प्रशिक्षण एवं विकास (Training
and Development)
NAIR
एवं ज़ोनल प्रशिक्षण केंद्र
जैसे संस्थानों के माध्यम से सतत प्रशिक्षण आवश्यक है ताकि कर्मचारियों की तकनीकी,
प्रबंधकीय और व्यवहारिक क्षमता
बढ़ सके।
14. संकट एवं आपदा प्रबंधन (Crisis
and Disaster Management)
रेलवे प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित आपदाओं से निपटने हेतु SOPs,
मॉक ड्रिल्स एवं विशेष इकाइयाँ
(ARTs – दुर्घटना राहत
गाड़ियाँ, MRVs – मेडिकल
राहत वैन) रखता है।
15. नवाचार एवं प्रौद्योगिकी
अपनाना (Innovation and Technology Adoption)
रेलवे 4.0 दृष्टिकोण के अंतर्गत स्वचालन,
AI आधारित चालक दल प्रबंधन,
ऑनलाइन टिकटिंग प्रणाली,
ई-ऑफिस उपकरण एवं वास्तविक समय
संपत्ति ट्रैकिंग को अपनाया जा रहा है।
No comments:
Post a Comment