Search This Blog

Thursday, 21 August 2025

गति शक्ति - रेल अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन - Gati Shakti – Rail Infrastructure and Logistics Management

 

39. गति शक्ति –

रेल अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन

भारत में समन्वित अवसंरचना विकास और कुशल लॉजिस्टिक्स की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 13 अक्टूबर 2021 को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। यह दूरदर्शी पहल इस बात में मौलिक परिवर्तन लाने का प्रयास है कि देशभर में अवसंरचना की योजना और क्रियान्वयन कैसे किया जाता है, विशेषकर बहु-आयामी (मल्टी-मोडल) कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए। भारतीय रेल, जो राष्ट्र के माल और यात्री परिवहन की रीढ़ है, इस योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

गति शक्ति का उद्देश्य

गति शक्ति का मुख्य लक्ष्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में फैले अवसंरचना परियोजनाओं की दक्षता, समन्वय और एकीकरण को बेहतर बनाना है। भारतीय रेल के लिए इसका अर्थ है – माल गलियारों, लॉजिस्टिक्स पार्कों, टर्मिनलों और बंदरगाहों, औद्योगिक केंद्रों तथा कृषि मंडियों तक अंतिम मील कनेक्टिविटी की बेहतर योजना।

मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • अवसंरचना योजना में अलगाव (साइलो) को समाप्त करना
  • परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृति और क्रियान्वयन
  • आर्थिक क्षेत्रों का परिवहन अवसंरचना से एकीकरण
  • लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि और परिवहन लागत में कमी
  • "जस्ट-इन-टाइम" डिलीवरी और आपूर्ति श्रृंखला का अनुकूलन

पीएम गति शक्ति के प्रमुख घटक

गति शक्ति पहल कई एकीकृत प्लेटफॉर्म और तंत्रों पर आधारित है:

a) जीआईएस-आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म
एक केंद्रीकृत भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) प्लेटफॉर्म 16 अवसंरचना-संबंधी मंत्रालयों से डेटा एकीकृत करता है, जिनमें रेलवे, सड़क, बंदरगाह, नागरिक उड्डयन और ऊर्जा शामिल हैं। यह स्थानिक डेटा और उपग्रह चित्रों का उपयोग कर समन्वित परियोजना योजना को सक्षम बनाता है।

b) संस्थागत ढांचा
प्रत्येक मंत्रालय, जिसमें रेलवे मंत्रालय भी शामिल है, के पास एक नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) और तकनीकी सहायता इकाई (TSU) होती है, जो सचिवों के सशक्त समूह के मार्गदर्शन में कार्य करती है।

c) बहु-आयामी कनेक्टिविटी
गति शक्ति बहु-आयामी लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLPs), समर्पित माल गलियारे (DFCs), एकीकृत माल टर्मिनल और बंदरगाहों व औद्योगिक क्लस्टरों तक अंतिम मील रेल कनेक्टिविटी के विकास को प्रोत्साहित करता है।

गति शक्ति में भारतीय रेल की भूमिका

भारतीय रेल राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स रणनीति के साथ अपनी अवसंरचना विकास को संरेखित कर गति शक्ति के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

a) माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि

  • समर्पित माल गलियारों (पूर्वी व पश्चिमी DFCs) का विस्तार
  • उच्च घनत्व मार्गों का विद्युतीकरण और दोहरीकरण
  • यार्डों और टर्मिनलों का आधुनिकीकरण

b) टर्मिनलों और MMLPs का विकास
रेलवे, वाणिज्य मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और निजी भागीदारों के साथ मिलकर विकसित कर रही है:

  • गति शक्ति कार्गो टर्मिनल (GCTs)
  • निजी माल टर्मिनल (PFTs)
  • बहु-आयामी लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLPs)

c) डिजिटलीकरण और स्वचालन

  • माल परिचालन सूचना प्रणाली (FOIS) का कार्यान्वयन
  • लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (LDB) के साथ एकीकरण
  • ई-DRM (इलेक्ट्रॉनिक डिमांड रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल) और ई-टेंडरिंग

d) अंतिम मील कनेक्टिविटी परियोजनाएँ
निर्माण क्षेत्रों, बंदरगाहों और अंतर्देशीय क्षेत्रों को रेल लाइनों से जोड़ने के लिए परियोजनाएँ चल रही हैं ताकि सड़क जाम और कार्बन उत्सर्जन कम हो सके।

4. संस्थागत और निगरानी तंत्र

गति शक्ति के अंतर्गत प्रगति की निगरानी इस प्रकार की जाती है:

  • कैबिनेट सचिवालय के तहत परियोजना निगरानी समूह (PMG)
  • भौतिक और वित्तीय प्रगति दिखाने वाले वास्तविक समय डैशबोर्ड
  • केंद्रीय और राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा

अध्ययन और उदाहरण

a) महाराष्ट्र में गति शक्ति टर्मिनल
एक नए विकसित GCT ने सीमेंट और खाद्यान्न रेक की तेज़ लोडिंग संभव की, जिससे ठहराव समय कम हुआ और थ्रूपुट बढ़ा।

b) बेंगलुरु में बहु-आयामी पार्क
आगामी MMLP सड़क, रेल और हवाई लॉजिस्टिक्स को एकीकृत करता है, जो ई-कॉमर्स और नाशवंत आपूर्ति श्रृंखला को समर्थन देगा।

प्रभाव और लाभ

  • टर्नअराउंड समय में सुधार: एकीकृत टर्मिनल तेज़ माल ढुलाई की सुविधा देते हैं।
  • लॉजिस्टिक्स लागत में कमी: सड़क परिवहन की तुलना में रेल अधिक किफायती और पर्यावरण-हितैषी है।
  • संपत्ति उपयोग में सुधार: समयसारणी और टर्मिनलों का अनुकूलन।
  • सतत परिवहन: सड़क से रेल की ओर मोडल शिफ्ट को प्रोत्साहित कर उत्सर्जन घटाता है।

चुनौतियाँ और आगे की राह

इसके रणनीतिक दायरे के बावजूद, गति शक्ति को कई क्रियान्वयन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:

  • मंत्रालयों के बीच समन्वय की जटिलताएँ
  • भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी
  • कुशल जनशक्ति और डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता

भविष्य की रणनीति:

  • हितधारकों के बीच अधिक मज़बूत समन्वय
  • टर्मिनल और MMLP विकास में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP)
  • रेलवे और लॉजिस्टिक्स कर्मियों का कौशल विकास

निष्कर्ष (Conclusion)

पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान एक ऐतिहासिक पहल है, जिसने भारत में अवसंरचना की परिकल्पना और क्रियान्वयन का तरीका बदल दिया है। भारतीय रेल के लिए यह अवसर है कि वह भारत के बहु-आयामी लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र की केंद्रीय धुरी बने। डेटा-आधारित योजना, संस्थागत एकीकरण और डिजिटल उपकरणों को अपनाकर, भारतीय रेल परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के भविष्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

No comments:

Post a Comment

.

  Disclaimer:The Information/News/Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.