14. प्रबंधन में प्रेरणा
अर्थ, सिद्धांत, तत्व, और महत्व
प्रेरणा एक मनोवैज्ञानिक (Psychological)
और भावनात्मक (Emotional) प्रक्रिया है,
जो किसी व्यक्ति को किसी विशेष उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एक
विशेष प्रकार से कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। प्रबंधन (Management) के संदर्भ में, प्रेरणा का अर्थ उन तकनीकों और
रणनीतियों से है, जिन्हें प्रबंधक (Managers) कर्मचारियों को उत्साहित और प्रेरित करने के लिए अपनाते हैं ताकि वे अपनी
जिम्मेदारियों को दक्षता, उत्साह और उद्देश्य के साथ निभा
सकें। यह कर्मचारियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और उनके व्यक्तिगत लक्ष्यों को
संगठनात्मक उद्देश्यों के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
निर्देशों या केवल भौतिक लाभों के आधार पर कार्य करना प्रेरणा नहीं कहलाता, बल्कि यह एक आंतरिक शक्ति (Internal Drive) होती है, जो किसी व्यक्ति को क्रिया आरंभ करने, चुनौतियों का सामना करने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रेरणा हर रचनात्मक मानवीय व्यवहार की प्रेरक शक्ति है, और प्रबंधन के संदर्भ में, यह संगठन की सफलता का मूल तत्व (Core Element) है।
प्रेरणा की मूल अवधारणाएँ (Core Concepts of Motivation)
- कार्य
के लिए तत्परता (Readiness
to Act): प्रेरणा
व्यक्ति को मानसिक और भावनात्मक रूप से किसी कार्य को करने के लिए तैयार करती
है।
- प्रयास
की दिशा (Direction of
Effort): यह
मानवीय ऊर्जा को सकारात्मक और लक्ष्य-उन्मुख परिणामों की ओर निर्देशित करती
है।
- आंतरिक
प्रेरणा (Internal Drive): सच्ची प्रेरणा भीतर से उत्पन्न
होती है – इच्छाओं, आवश्यकताओं और आकांक्षाओं से।
- तनाव और
लक्ष्य-आधारित कार्य (Tension
and Goal Orientation): जब कोई आवश्यकता पूरी नहीं होती तो व्यक्ति एक तनाव या असंतुलन महसूस
करता है, जो उसे उस आवश्यकता की पूर्ति की दिशा में
कार्य करने को प्रेरित करता है।
प्रेरणा से संबंधित प्रमुख सिद्धांत (Major Theories of
Motivation)
1. एफ. डब्ल्यू. टेलर का वैज्ञानिक प्रबंधन
सिद्धांत (F. W. Taylor’s Scientific Management Theory)
फ्रेडरिक विंसलो टेलर का मानना था कि कर्मचारी मुख्य रूप से
आर्थिक प्रोत्साहनों से प्रेरित होते हैं। उन्होंने यह सुझाव दिया कि वेतन और
प्रदर्शन-आधारित बोनस (Performance-based Bonus)
कर्मचारियों की दक्षता और उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। इस सिद्धांत के
अनुसार, आर्थिक लाभों का अधिकतमकरण कर्मचारियों को प्रेरित
करने की कुंजी है।
उदाहरण: यदि
एक फैक्ट्री कर्मी को प्रति यूनिट अतिरिक्त भुगतान की पेशकश की जाए, तो वह उच्च उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने के
लिए प्रोत्साहित हो सकता है।
2. एल्टन मेयो का मानव संबंध सिद्धांत (Elton
Mayo’s Human Relations Theory)
एल्टन मेयो ने बताया कि सामाजिक और भावनात्मक कारक भी
कर्मचारियों की प्रेरणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि
व्यक्ति केवल धन से प्रेरित नहीं होते, बल्कि वे मान्यता, अपनापन, और
पारस्परिक संबंधों की भी अपेक्षा करते हैं। हॉथॉर्न अध्ययन (Hawthorne
Studies) के दौरान उनके अनुसंधान ने कर्मचारी संतुष्टि, समूह गतिशीलता और प्रबंधकीय ध्यान के महत्व को उजागर किया।
उदाहरण: कर्मचारी
तब अधिक उत्पादक होते हैं जब उनकी समस्याओं को सुना जाता है और उनके प्रयासों की
सराहना की जाती है।
3. अब्राहम मैस्लो का आवश्यकताओं का
पदानुक्रम सिद्धांत (Abraham Maslow’s Hierarchy of Needs Theory)
मैस्लो ने यह सिद्धांत दिया कि मानव आवश्यकताएँ एक विशेष
क्रम (Hierarchy) में
होती हैं, और जब एक स्तर की आवश्यकताएँ पूरी हो जाती हैं,
तो व्यक्ति अगले स्तर की ओर बढ़ता है। यह क्रम कुछ इस प्रकार है:
- शारीरिक
आवश्यकताएँ (Physiological
Needs): भोजन,
पानी, आश्रय जैसी मूलभूत जरूरतें।
- सुरक्षा
आवश्यकताएँ (Safety
Needs): व्यक्तिगत
सुरक्षा, स्थायी रोजगार, और खतरे
से सुरक्षा।
- सामाजिक
आवश्यकताएँ (Social
Needs): संबंध,
स्नेह, और समूह में अपनापन।
- आत्म-सम्मान
की आवश्यकताएँ (Esteem
Needs): मान्यता,
आत्म-सम्मान, प्रतिष्ठा।
- आत्म-साक्षात्कार
(Self-Actualization): व्यक्तिगत विकास, रचनात्मकता और अपनी पूरी क्षमता को पहचानने की इच्छा।
उदाहरण: एक
मार्केटिंग अधिकारी जो अपने कार्य में सुरक्षित और सामाजिक रूप से संतुष्ट है, वह अब नेतृत्व की भूमिका में पहचान प्राप्त
करने का प्रयास कर सकता है।
कार्यस्थल में प्रेरणा के प्रमुख तत्व (Key Motivational
Factors in the Workplace)
एक प्रभावी प्रेरणा प्रणाली में भौतिक और अमूर्त दोनों
प्रकार के कारकों का सम्मिलन होता है:
- वित्तीय
प्रोत्साहन (Financial
Incentives): प्रतिस्पर्धी
वेतन, प्रदर्शन बोनस, लाभ-साझेदारी
योजनाएं।
- सहयोगी
कार्य वातावरण (Supportive
Work Environment): विश्वास, सम्मान, और
सहयोग की संस्कृति।
- मान्यता
और प्रशंसा (Recognition
and Appreciation): पुरस्कार, प्रशंसा और सार्वजनिक सराहना।
- न्यायपूर्ण
मूल्यांकन प्रणाली (Fair
Evaluation Systems): पारदर्शी प्रदर्शन मूल्यांकन और पदोन्नति प्रक्रिया।
- समानता
और न्याय (Equity and
Justice): बिना
भेदभाव के सभी को समान अवसर।
- समस्या
समाधान (Problem
Resolution): शिकायतों
और संघर्षों का त्वरित और निष्पक्ष समाधान।
- करियर
विकास (Career
Advancement): नियमित
पदोन्नति, प्रशिक्षण, और कौशल
विकास कार्यक्रम।
- सहभागी
प्रबंधन (Participative
Management): निर्णय-निर्माण
में कर्मचारियों की भागीदारी।
- कल्याण
योजनाएँ (Welfare Schemes): स्वास्थ्य सेवा, पेंशन, आवास सहायता, और
मनोरंजन सुविधाएँ।
- कार्य-जीवन
संतुलन (Work-Life Balance): लचीली समय-सारिणी, अवकाश नीतियाँ, और सहायता कार्यक्रम।
प्रबंधन में प्रेरणा का महत्व (Importance of Motivation in Management)
सशक्त प्रेरणा वातावरण होने से संगठन और कर्मचारियों दोनों
को अनेक लाभ मिलते हैं:
- प्रदर्शन
और उत्पादकता में वृद्धि: प्रेरित कर्मचारी अधिक प्रभावी, सक्रिय और गुणवत्ता-उन्मुख होते हैं।
- नौकरी
से संतुष्टि: प्रेरित
कर्मचारियों में मनोबल और संतोष का स्तर अधिक होता है।
- संगठनात्मक
लक्ष्यों की प्राप्ति: प्रेरित कर्मचारी अपने व्यक्तिगत उद्देश्यों को संगठन के लक्ष्यों से
जोड़ते हैं।
- कर्मचारी
पलायन में कमी: ऐसे
संगठन जो प्रेरणा पर ध्यान देते हैं, वे प्रतिभाशाली कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाए रखते
हैं।
- नवाचार
और रचनात्मकता: प्रेरणा
व्यक्ति को सोचने, समस्या
सुलझाने और नवाचार के लिए प्रेरित करती है।
- टीम
भावना में सुधार: प्रेरित
व्यक्ति टीम सहयोग और तालमेल में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रेरणा केवल एक प्रबंधकीय तकनीक नहीं है – यह एक रणनीतिक
आवश्यकता (Strategic Imperative) है। यह सामान्य प्रयासों को असाधारण उपलब्धियों में बदल देती है। एक कुशल
प्रबंधक कर्मचारियों की विविध आवश्यकताओं को पहचानता है और उनके अनुरूप प्रेरणा
रणनीतियाँ अपनाता है – चाहे वे आर्थिक हों, सामाजिक हों,
मनोवैज्ञानिक हों, या विकासात्मक।
जो संगठन प्रेरणा को बढ़ावा देते हैं, वे सहभागिता, निष्ठा
और सतत सुधार की संस्कृति विकसित करते हैं। आधुनिक प्रबंधन चिंतन के अनुसार:
"जहाँ प्रेरणा है, वहाँ उत्कृष्टता
स्वयं चली आती है।"
एक सच्चा प्रभावी नेता वह होता है जो लोगों को उनके मूल्यों, आकांक्षाओं और आंतरिक प्रेरणा को जाग्रत कर
श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर सके – न कि केवल आदेश या बल से।
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