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13. प्रबंधन में संप्रेषण: अर्थ, प्रक्रिया, प्रकार और महत्व Communication in Management: Definition, Process, Types, and Importance

 

संप्रेषण क्या है?

संप्रेषण (Communication) प्रबंधन की मूलभूत क्रियाओं में से एक है। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने विचारों, सूचनाओं, आदेशों, योजनाओं और भावनाओं को दूसरे तक पहुंचाता है और प्रतिक्रिया प्राप्त करता है।

प्रबंधन में संप्रेषण वह माध्यम है जिससे प्रबंधक अपने कर्मचारियों को निर्देश देता है, आदेशों का पालन करवाता है, और संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करता है।

संप्रेषण केवल वाणी या लेखनी तक सीमित नहीं है, यह एक दो-तरफा प्रक्रिया है जिसमें प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों सक्रिय भागीदार होते हैं।

📖 संप्रेषण की परिभाषाएँ

  1. “संप्रेषण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को विचारों, सूचनाओं या भावनाओं को प्रभावशाली ढंग से भेजता और ग्रहण करता है।”

  2. “प्रबंधन में संप्रेषण का अर्थ है निर्देशों, योजनाओं, नीतियों और जानकारी का स्पष्ट आदान-प्रदान जिससे संगठनात्मक लक्ष्य पूरे किए जा सकें।”


🔁 संप्रेषण की प्रक्रिया (Communication Process)

  1. प्रेषक (Sender): विचार या संदेश प्रारंभ करता है।

  2. संदेश (Message): जानकारी, आदेश या विचार जो भेजा जा रहा है।

  3. माध्यम (Medium): जिस माध्यम से संदेश प्रेषित किया जा रहा है (जैसे मौखिक, लिखित, ईमेल आदि)।

  4. प्राप्तकर्ता (Receiver): वह व्यक्ति जिसे संदेश भेजा गया है।

  5. प्रतिक्रिया (Feedback): प्राप्तकर्ता की प्रतिक्रिया, जिससे पता चलता है कि संदेश ठीक से समझा गया या नहीं।

  6. विकृति (Noise): कोई भी बाधा जो संप्रेषण को प्रभावित कर सकती है, जैसे – शोर, गलत व्याख्या, भाषा समस्या आदि।


📚 संप्रेषण के प्रकार (Types of Communication)

  1. मौखिक संप्रेषण (Oral Communication):
    आमने-सामने बातचीत, टेलीफोन कॉल, मीटिंग आदि।

  2. लिखित संप्रेषण (Written Communication):
    ईमेल, ज्ञापन (memo), रिपोर्ट, पत्राचार आदि।

  3. औपचारिक संप्रेषण (Formal Communication):
    संगठन के अधिकारिक ढांचे के माध्यम से सूचना प्रवाह।

  4. अनौपचारिक संप्रेषण (Informal Communication):
    व्यक्तिगत बातचीत, मित्रवत चर्चा, जिसे "ग्रेपवाइन" कहा जाता है।

  5. ऊर्ध्वगामी (Upward) संप्रेषण:
    अधीनस्थ से उच्चाधिकारी को सूचना देना।

  6. निम्नगामी (Downward) संप्रेषण:
    उच्चाधिकारी से अधीनस्थ को आदेश या सूचना देना।

  7. क्षैतिज (Horizontal) संप्रेषण:
    समान स्तर पर कार्यरत व्यक्तियों के बीच सूचना का आदान-प्रदान।


🌟 संप्रेषण का महत्व (Importance of Communication)

  1. योजना और निर्णय को क्रियान्वित करना।
    बिना संप्रेषण के योजनाएँ केवल कागज़ पर ही रह जाती हैं।

  2. सामंजस्य और सहयोग को बढ़ाना।
    सभी कर्मचारियों में तालमेल और टीम भावना आती है।

  3. प्रेरणा और नेतृत्व को प्रभावी बनाना।
    स्पष्ट संप्रेषण से कर्मचारियों को दिशा और आत्मविश्वास मिलता है।

  4. समस्या समाधान में सहायक।
    गलतफहमी और संघर्ष को दूर करने का प्रमुख माध्यम है।

  5. कार्य निष्पादन की निगरानी और नियंत्रण।
    प्रतिक्रिया मिलने से कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।


📜 प्रभावी संप्रेषण के सिद्धांत

  1. स्पष्टता और सरलता।
    संदेश ऐसा हो जो आसानी से समझ में आए।

  2. उचित माध्यम का चयन।
    संदेश के प्रकार और स्थिति के अनुसार मौखिक या लिखित माध्यम।

  3. सक्रिय श्रोता बनना।
    केवल बोलना नहीं, सामने वाले की बात को ध्यान से सुनना भी जरूरी।

  4. फीडबैक प्राप्त करना।
    यह सुनिश्चित करता है कि संप्रेषण सफल रहा या नहीं।

  5. बाधाओं को दूर करना।
    भाषा, शोर, पूर्वग्रह जैसी बाधाओं को कम करना।


📚 निष्कर्ष (Conclusion)

संप्रेषण प्रबंधन की आत्मा है। इसके बिना कोई योजना सफल नहीं हो सकती, कोई आदेश पूरा नहीं हो सकता, और कोई टीम एकजुट नहीं हो सकती।
एक अच्छा प्रबंधक वही होता है जो संप्रेषण की कला में दक्ष हो – चाहे वह लिखित हो या मौखिक, औपचारिक हो या अनौपचारिक।

“जब संवाद स्पष्ट हो, तो संगठन शक्तिशाली होता है।”

इसलिए, सकारात्मक, दो-तरफा, और प्रभावी संप्रेषण ही किसी भी संगठन की सफलता की कुंजी है।

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