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Thursday, 21 August 2025

36. रेलवे में गुणवत्ता प्रबंधन (Quality Management)

 

36. रेलवे में गुणवत्ता प्रबंधन (Quality Management)

रेलवे में गुणवत्ता प्रबंधन का आशय उन व्यवस्थित उपायों से है, जिनके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि रेलवे संचालन के सभी पहलू—जैसे परिवहन सेवाएँ, आधारभूत संरचना का विकास, रखरखाव और ग्राहक सेवा—पूर्वनिर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा करें या उनसे बेहतर हों। इसमें सेवाओं की योजना बनाना, नियंत्रण करना, आश्वासन देना तथा निरंतर सुधार शामिल है, ताकि यात्री संतुष्टि बढ़ाई जा सके, सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग हो सके और राष्ट्रीय व वैश्विक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप कार्य किया जा सके।

चूँकि रेलवे राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए गुणवत्ता प्रबंधन अत्यावश्यक हो जाता है, ताकि बढ़ती ग्राहक अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके, संचालन दक्षता सुनिश्चित हो और परिवहन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखी जा सके।

रेलवे में गुणवत्ता प्रबंधन के उद्देश्य

  • ग्राहक संतुष्टि: यात्रियों के लिए सुरक्षित, समय पर, स्वच्छ और आरामदायक यात्रा अनुभव तथा ग्राहकों के लिए विश्वसनीय माल सेवाएँ सुनिश्चित करना।
  • संचालन दक्षता: संसाधनों के उपयोग में सुधार, देरी और खराबियों में कमी, तथा समय की पाबंदी बनाए रखना।
  • सुरक्षा और विश्वसनीयता: सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करना और निरंतर व भरोसेमंद सेवा प्रदान करना।
  • अनुपालन और मानक: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों और नियामक प्रावधानों का पालन करना।
  • निरंतर सुधार: नवाचार और फीडबैक के माध्यम से सतत् सुधार की संस्कृति स्थापित करना।

गुणवत्ता प्रबंधन के मुख्य घटक

1. गुणवत्ता योजना (Quality Planning)

इसमें रेलवे सेवाओं से संबंधित गुणवत्ता आवश्यकताओं और मानकों की पहचान करना और उन्हें प्राप्त करने के लिए रणनीतियाँ बनाना शामिल है।
उदाहरण—समय पर ट्रेन संचालन, स्वच्छ कोच संचालन, या पटरियों के रखरखाव की आवृत्ति तय करना।

2. गुणवत्ता आश्वासन (Quality Assurance - QA)

QA का उद्देश्य दोषों और असंगतियों को रोकना है। इसके लिए प्रक्रिया मानकीकरण, प्रलेखन, प्रशिक्षण और ऑडिट किए जाते हैं।
उदाहरण—लोकोमोटिव रखरखाव या खानपान सेवाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs)

3. गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control - QC)

QC का संबंध उन परिचालन तकनीकों और गतिविधियों से है, जिनका उपयोग गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण—रोलिंग स्टॉक की जाँच, सुरक्षा निरीक्षण, गति निगरानी और प्रदर्शन परीक्षण।

4. समग्र गुणवत्ता प्रबंधन (Total Quality Management - TQM)

TQM एक समग्र प्रबंधन दर्शन है, जो सभी कर्मचारियों और विभागों को सतत् सुधार प्रक्रिया में सम्मिलित करता है। यह उत्तरदायित्व, ग्राहक उन्मुखता और टीमवर्क को प्रोत्साहित करता है।

5. सिक्स सिग्मा और लीन प्रथाएँ (Six Sigma & Lean Practices)

आधुनिक रेलवे प्रणालियाँ दोषों को कम करने हेतु Six Sigma पद्धति और अपव्यय समाप्त करने हेतु Lean Practices को अपनाती हैं। ये रखरखाव डिपो, टिकटिंग सिस्टम और इन्वेंट्री प्रबंधन में विशेष रूप से उपयोगी हैं।

भारतीय रेल में गुणवत्ता प्रबंधन ढाँचा

  • ISO प्रमाणन: कई उत्पादन इकाइयाँ, कार्यशालाएँ और स्टेशन ISO 9001 (गुणवत्ता प्रबंधन), ISO 14001 (पर्यावरण प्रबंधन) तथा ISO 45001 (व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा) से प्रमाणित हैं।
  • रेलवे बोर्ड की गुणवत्ता नीति: रेलवे बोर्ड गुणवत्ता पहलों, गुणवत्ता मंडलियों, बेंचमार्किंग प्रथाओं और प्रदर्शन समीक्षा पर दिशा-निर्देश जारी करता है।
  • मेरा स्टेशन मेरी शान’ पहल: रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता, यात्री सुविधाएँ, फीडबैक प्रणाली और सौंदर्यीकरण पर विशेष बल।
  • रेल कौशल विकास योजना (RKVY): कर्मचारियों की कौशल क्षमता बढ़ाकर बेहतर सेवा गुणवत्ता और ग्राहक प्रबंधन सुनिश्चित करना।
  • इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई: आधुनिक कोचों (जैसे वंदे भारत) का गुणवत्ता उत्पादन, जो उच्च सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों को पूरा करते हैं।
  • ग्राहक फीडबैक प्रणाली:रेल मदद’ और ऑनलाइन शिकायत मॉनिटरिंग जैसी डिजिटल प्रणालियाँ सेवा मूल्यांकन और सतत् सुधार के लिए अनिवार्य हैं।

गुणवत्ता प्रबंधन लागू करने में चुनौतियाँ

  • पुरानी अवसंरचना: पुराने परिसंपत्तियाँ और सिग्नलिंग प्रणाली सुधार में बाधा।
  • विशाल कार्यबल: विविध कौशल स्तर वाले बड़े कार्यबल में प्रक्रियाओं का मानकीकरण कठिन।
  • बजटीय बाधाएँ: प्रणालियों और सुविधाओं के उन्नयन हेतु अधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता।
  • परिवर्तन के प्रति प्रतिरोध: संगठनात्मक जड़ता और जवाबदेही की कमी गुणवत्ता पहलों को प्रभावित कर सकती है।

श्रेष्ठ प्रथाएँ और वैश्विक दृष्टिकोण

  • जापान रेलवे (JR): समय की पाबंदी, सटीक इंजीनियरिंग और ग्राहक सेवा पर बल।
  • डॉयचे बान (जर्मनी): ISO मानकों, कर्मचारी प्रशिक्षण और रीयल-टाइम निगरानी उपकरणों का उपयोग।
  • ब्रिटिश रेल: निजी संचालकों हेतु अनुबंध-आधारित गुणवत्ता मापदंडों पर ध्यान।

भारतीय रेल भी आधुनिकीकरण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और डिजिटल पहलों के माध्यम से वैश्विक मानकों के अनुरूप हो रही है।

भविष्य की दिशा

  • डिजिटल गुणवत्ता निगरानी: AI आधारित निरीक्षण, IoT सेंसर से वास्तविक समय निगरानी और स्वचालित फीडबैक।
  • प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन: कर्मचारियों के प्रदर्शन को सेवा गुणवत्ता सूचकों से जोड़ना।
  • हरित और सतत् रेलवे: ऊर्जा-कुशल लोकोमोटिव, सौर ऊर्जा चालित स्टेशन और Green Certification पर जोर।
  • ग्राहक-केंद्रित सेवाएँ: मोबाइल ऐप, ई-टिकटिंग, बायोमेट्रिक सत्यापन और व्यक्तिगत सेवा अलर्ट।

निष्कर्ष (Conclusion)

रेलवे में गुणवत्ता प्रबंधन एक निरंतर यात्रा है, कोई अंतिम गंतव्य नहीं। जैसे-जैसे ग्राहक अपेक्षाएँ बदलती हैं और तकनीक विकसित होती है, रेलवे संगठनों को एकीकृत, डेटा-आधारित और सक्रिय गुणवत्ता प्रबंधन दृष्टिकोण अपनाना होगा।

अंतिम लक्ष्य एक ऐसी रेलवे प्रणाली का निर्माण करना है, जो न केवल कुशल और भरोसेमंद हो, बल्कि सुरक्षा, सेवा और स्थिरता में भी विश्वस्तरीय हो।

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