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10. प्रबंधन में कर्मचारियन (Staffing): प्रक्रिया, उद्देश्य और मानव शक्ति विकास

कर्मचारियन (Staffing) क्या है?

कर्मचारियन, जिसे अंग्रेज़ी में Staffing कहा जाता है, प्रबंधन की एक ऐसी क्रियाविधि है जिसका उद्देश्य संगठन में सक्षम, योग्य और उपयुक्त मानव शक्ति को सही समय पर सही स्थान पर उपलब्ध कराना है।

सरल शब्दों में, "मनुष्य शक्ति का आवश्यकतानुसार प्रबंधन करना ही कर्मचारियन है।"

जॉर्ज आर. टेरी के अनुसार:

"स्टाफिंग वह प्रक्रिया है जो संतोषजनक एवं संतुष्ट कार्यपद्धति को प्राप्त करने तथा उसे बनाए रखने से संबंधित है।"

कर्मचारियन में केवल लोगों की भर्ती ही नहीं होती, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें प्रशिक्षण, पदोन्नति, पुनः प्रशिक्षण, कल्याण, और समस्याओं का समाधान शामिल होता है।

🔄 कर्मचारियन की प्रक्रिया (Process of Staffing)

कर्मचारियन एक सुनियोजित और चरणबद्ध प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित मुख्य कार्य सम्मिलित होते हैं:


1. भर्ती (Recruitment)

यह कर्मचारियन की पहली और मूलभूत कड़ी है।
इसका उद्देश्य संगठन में आवश्यकतानुसार योग्य उम्मीदवारों की पहचान कर उन्हें आमंत्रित करना है।
उदाहरण के लिए: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित चयन परीक्षाएं।


2. प्रारंभिक प्रशिक्षण (Initial Training)

नई भर्ती किए गए कर्मचारियों को संगठन के वातावरण, उपकरणों, कार्यप्रणाली और संस्कृति से परिचित कराना आवश्यक होता है।
इसके लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र और प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं, ताकि कार्य कुशलता में सुधार हो।


3. पद देना (Job Placement)

प्रशिक्षण के बाद कर्मचारियों को उनकी योग्यता और क्षमता के अनुसार उपयुक्त पद सौंपा जाता है।
इसमें कार्य विश्लेषण (Job Analysis) की मदद से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कौन-सा व्यक्ति किस पद के लिए उपयुक्त है।


4. पदोन्नति (Promotion)

संगठन की नीति के अनुसार योग्य एवं अनुभवी कर्मचारियों को उच्च पद प्रदान किया जाता है।
इसके लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, परीक्षा या साक्षात्कार लिए जाते हैं।


5. पुनः प्रशिक्षण (Retraining)

तकनीकी बदलाव या नई ज़िम्मेदारियों के लिए पुराने कर्मचारियों को समय-समय पर पुनः प्रशिक्षित किया जाता है।
इससे उनका ज्ञान और दक्षता अद्यतन होती है।


6. मानव शक्ति की उन्नति (Human Resource Development)

यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है, जिसमें कर्मचारियों की व्यक्तिगत और व्यावसायिक उन्नति के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।


7. कल्याण कार्य (Welfare Activities)

कल्याणकारी योजनाओं से कर्मचारियों को प्रेरणा मिलती है और वे संगठन के प्रति समर्पित और वफादार बनते हैं।
इनमें आवास, चिकित्सा, परिवहन, क्लब, कैंटीन, छुट्टियाँ आदि शामिल होते हैं।


8. समस्या समाधान (Problem Solving)

कर्मचारियों की शिकायतों या विवादों का समाधान करके संगठन का स्थायित्व और सामंजस्य बनाए रखा जाता है।
इसके लिए यूनियन मीटिंग, PNM (Permanent Negotiation Machinery), AGM (Annual General Meeting) जैसी व्यवस्थाएँ अपनाई जाती हैं।


9. पेंशन व अन्य फायदे (Post-retirement Benefits)

सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि और अन्य सुविधाएँ प्रदान करके न केवल उनका भविष्य सुरक्षित किया जाता है, बल्कि संगठन की छवि भी सुदृढ़ होती है।
पेंशन अदालतें और विशेष हेल्प डेस्क इस हेतु संचालित की जाती हैं।


📚 निष्कर्ष (Conclusion)

कर्मचारियन केवल नियुक्ति तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें प्रशिक्षण, पदोन्नति, कल्याण और समस्या समाधान जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल होते हैं।
एक संगठित, समर्पित और प्रेरित मानव शक्ति ही किसी भी संगठन की रीढ़ की हड्डी होती है।
इसलिए कर्मचारियों के चयन से लेकर सेवानिवृत्ति तक का संपूर्ण प्रबंधन अत्यंत सुनियोजित, पारदर्शी और मानव-केंद्रित होना चाहिए।

"सफल संगठन वही है जो मानव संसाधन को अपनी सबसे बड़ी पूंजी समझे।"

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